छत्रपति शिवाजी महाराज के किल्ले: एक महान योद्धा के दुर्ग।
भारतीय इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम वीरता, धैर्य, और साहस के प्रतीक के रूप में ऊँचा उठता है। शूरवीर सैनिक और दृढ़ राजनीतिज्ञ, शिवाजी महाराज थे मराठा साम्राज्य के संस्थापक, जिनके शासनकाल में भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास नए मोड़ पर आगे बढ़ा। उनके युद्धबंदीओं के दुर्गबंधन का खासा महत्व है, जो उन्होंने अपने राज्य की रक्षा के लिए अपूर्व रणनीति से सुनिश्चित की।
शिवाजी महाराज के किलों के इस लेख में, हम एक रोचक यात्रा पर निकलेंगे, जो हमें उन दुर्गों के पीछे के गुप्त रहस्यों और उन वीरगतिविद्यों की कहानियों तक पहुँचाएगी, जिन्होंने उनके राज्य की शक्ति और समृद्धि के लिए संघर्ष किया। इन महान दुर्गों के अर्चिटेक्चरल खूबसूरती और युद्ध कला ने उन्हें एक अनूठा महत्व दिया था, जो आज भी उनके शौर्य और धर्म की प्रतिमा के रूप में खड़े हैं।
1 Shivneri
शिवनेरी किला महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है जो पुणे जिले में सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित है। यह किला महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण इतिहासिक स्थलों में से एक है और यह छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मस्थान के रूप में भी प्रसिद्ध है।
शिवनेरी किले का निर्माण प्राचीन काळ में हुआ था और मराठा साम्राज्य के समय में भी समय-समय पर संशोधन और सुधार का शिकार रहा। इसके चारों ओर समृद्ध धरोहर, विभिन्न मंदिर, तालाब, बावड़ी, दरबारी इमारतें और विभिन्न प्रकार के रहस्यमय स्थान हैं।
शिवनेरी किले के ऊपर से एक प्राकृतिक गुफा है जो शिवाजी महाराज के जन्म के स्थान के रूप में प्रसिद्ध है। इस दुर्ग में शिवाजी महाराज की माता जीजाबाई की स्मृति को समर्पित एक मंदिर भी है।
शिवनेरी किले आज भी पर्वतीय पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय है और भारतीय इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए यात्रियों को आकर्षित करता है।
2 Raigad
रायगड किला, महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण प्राचीन किला है जो सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित है। यह किला भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रमुख राजधानी भी थी। यह किला 17वीं शताब्दी में निर्मित हुआ था और वीरमाता जिजाबाई, शिवाजी की माँ, के नाम पर रखा गया था।
रायगड किले को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने के लिए एक चक्रव्यूह विन्यास बनाया गया था जिसमें कई पथ होते थे। इसे प्राचीन राजा-महाराजाओं और मराठा साम्राज्य के समय शिवाजी महाराज ने भी समय-समय पर संशोधित और सुधारा था।
इस किले के ऊपर से विशाल बावड़ी, महल, दरबारी इमारतें, रस्सी और तरह-तरह के रहस्यमय भवन हैं। किले की ऊँचाई के कारण यहाँ से खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है। रायगड किला आज भी एक प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटन स्थल है जो इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और विशाल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए खूबसूरत दर्शनीय स्थलों में से एक है।
3 Pratapgad
प्रतापगड किला महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है जो सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित है। यह किला महाराष्ट्र के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और मराठा साम्राज्य के समय में भी युद्ध और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है।
प्रतापगड किले का निर्माण शिवाजी महाराज के अधीनवस्तु वांगड के शिखर पर सन् 1656 में हुआ था। इसके बाद 1659 में शिवाजी महाराज ने बिजापुर सुल्तानात के जनरल अफजल खान के विरुद्ध युद्ध किया था, जिसे बहुत बड़ी सफलता मिली थी। इस युद्ध को "प्रतापगड की लड़ाई" के नाम से जाना जाता है।
प्रतापगड किले के ऊपर भव्य तोरण द्वार, महल, दरबारी इमारतें, दरवाज़े, बावड़ी, और मंदिर आदि कई प्राचीन इमारतें हैं। किले के दक्षिणी भाग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित है, जिसे शिवाजी जयंती के अवसर पर यात्रियों की भक्ति भावना से दर्शाया जाता है।
प्रतापगड किला आज भी पर्वतीय पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय है और भारतीय इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए यात्रियों को आकर्षित करता है।
4 Lohagad
लोहगड किला, महाराष्ट्र, भारत के सर्वाधिक प्रसिद्ध पर्वतीय किलों में से एक है। यह किला पुणे जिले के मावळ तालुके में सह्याद्री पर्वत श्रृंगार के उच्चतम शिखरों में स्थित है। इस किले का नाम 'लोहगड' है क्योंकि इसके पत्थरों में लोहे का उपयोग किया गया था।
लोहगड किले का निर्माण छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में हुआ था और यह मराठा साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण रक्षा किला रहा है। इसके ऊपर से विभिन्न चालीसा, बावड़ी, तालाब, महल, दरबारी इमारतें और धरोहर हैं।
लोहगड किले का धार्मिक महत्व भी है क्योंकि इसमें स्वयंभू गणपति मंदिर है, जिसे यात्रियों द्वारा प्रायः दर्शन किया जाता है।
इस किले के ऊपर से प्राकृतिक सौंदर्य के आनंद का अनुभव करने के लिए यात्रियों को भीड़ आती है। इससे खासकर मानसून के समय इस किले के देखने का मजा और बढ़ जाता है। लोहगड किला महाराष्ट्र के पर्वतीय पर्यटन स्थलों में से एक है और इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए आग्रह करता है।
5 Murud-Janjira
मुरुड-जंजीरा किला महाराष्ट्र, भारत के तटीय इलाके में स्थित एक प्रसिद्ध किला है जो अरब सागर के किनारे स्थित है। यह किला मुरुड गांव के पास जंजीरा द्वीप पर स्थित है और महाराष्ट्र के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है।
मुरुड-जंजीरा किले का निर्माण गुजराती और मराठी शैली में इट्टा से किया गया था और यह एक अदभुत रचनात्मक शैली में बना है। किले का मुख्य उद्देश्य व्यापारी और लोगों को समुद्री दुर्घटनाओं से सुरक्षित रखना था। इसके प्राकृतिक रक्षा द्वारा और नले और भवनों के साथ युक्त बांधने वाले नवगृह ने किले को एक अद्भुत बना दिया था।
मुरुड-जंजीरा किले की विशेषता यह है कि यह अपनी विशाल भवनों और भव्य दरबारी इमारतों के लिए जाना जाता है। इसमें समुद्री दुर्ग, जल-किले और लंबे समय तक अद्भुत रचनात्मक संरचना के साथ निर्मित बड़े गुंबद हैं। इसके अलावा, इसमें बड़ी और छोटी कई तालाब भी हैं जो जल संरचना की बेहतरीन उदाहरण हैं।
आजकल मुरुड-जंजीरा किला भारतीय पर्वतीय पर्यटन स्थलों में से एक है और इसे विदेशी और देशी यात्रियों की बड़ी संख्या में आकर्षित किया जाता है। इसकी सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और समुद्री वातावरण के कारण यह किला महाराष्ट्र के एक लोकप्रिय दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित हुआ है।
6 Sinhagad
सिंहगड किला महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक प्रसिद्ध पर्वतीय दुर्ग है जो पुणे शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित है। यह किला भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है और इसे मराठा शासक शिवाजी महाराज ने बहुत महत्वपूर्ण रूप से इसकी रक्षा और सुरक्षा में बदला था।
सिंहगड किले का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और बाद में मराठा साम्राज्य के समय में समय-समय पर संशोधन और सुधार हुआ। इसके चारों ओर प्राकृतिक खूबसूरती और भव्यता का आनंद लेने के लिए यहाँ घने जंगल, झरने, विभिन्न प्रकार के पक्षियों को देखा जा सकता है।
सिंहगड किले को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने के लिए चक्रव्यूह विन्यास बनाया गया था जिसमें कई पथ होते थे। इसे शिवाजी महाराज के साथी तानाजी मालुसरे ने जीता था और इसलिए इसे तानाजीची लडाई भी कहते हैं।
सिंहगड किले का ऊपरी भाग में एक छोटे सा मंदिर है जो शिवाजी महाराज के लिए समर्पित है और इसे किले के ऊँचाई से आप भारतीय अधिकृत ध्वज फहराने का भी आनंद ले सकते हैं।
आज भी सिंहगड किला एक प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटन स्थल है जो इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए यात्रियों को आकर्षित करता है।
7 Rajmachi
राजमाची किला महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक प्रसिद्ध पर्वतीय दुर्ग है। यह किला सह्याद्री पर्वत श्रृंगार के भीतर राजमाची पहाड़ियों पर स्थित है और पुणे जिले के कर्जत तहसील में स्थित है। राजमाची किला को उर्वी पहाड़ी और मनराज पहाड़ी के बीच में स्थानित होने के कारण इसे राजमाची किला के नाम से जाना जाता है।
राजमाची किले को मराठा साम्राज्य के समय में रखा गया था और यह राजा शिवाजी महाराज के समय से ही एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। यह किला राजमाची गाँव के निकट स्थित है जिसके कारण इसे राजमाची किला के नाम से भी जाना जाता है।
राजमाची किले की ऊपर से एक विशाल बावड़ी, महल, दरबारी इमारतें, रस्सी और तरह-तरह के रहस्यमय भवन हैं। इसे पर्वतीय पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है और यहां से खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है। राजमाची किले की चोटी से सुरम्य घाटियों का भी दर्शन किया जा सकता है जो यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
यहां पर्वतीय ट्रेकिंग, कैंपिंग और नेचुर वॉकिंग का भी आनंद लिया जा सकता है जो आधुनिक जीवन के तनाव से राहत प्रदान करते हैं। राजमाची किला एक प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटन स्थल है जो इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और विशाल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए खूबसूरत दर्शनीय स्थलों में से एक है।
8 Rajgad
राजगड किला महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है जो पुणे जिले में सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित है। यह किला भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और मराठा साम्राज्य के समय छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रमुख राजधानी भी थी।
राजगड किला का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और मराठा साम्राज्य के समय भी समय-समय पर संशोधित और सुधारा गया। इस किले को बनाने के लिए एक चक्रव्यूह विन्यास किया गया था जिसमें कई पथ होते थे।
राजगड किले के ऊपर से विशाल बावड़ी, महल, दरबारी इमारतें, रस्सी और तरह-तरह के रहस्यमय भवन हैं। किले की ऊंचाई के कारण यहां से खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है।
राजगड किला एक लोकप्रिय पर्वतीय पर्यटन स्थल है जो भारतीय इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और विशाल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए खूबसूरत दर्शनीय स्थलों में से एक है। यहां के प्राचीन संरचनाएं और इतिहासिक महत्व के कारण यात्रियों को इसका भ्रमण करना अत्यंत रुचिकर बना रहता है।
9 Purandar
पुरंदर किला, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण दुर्ग है जो पुणे जिले में सह्याद्री पर्वत श्रृंगार के शीर्ष पर स्थित है। यह किला महाराष्ट्र के प्रमुख इतिहासिक स्थलों में से एक है और इसका इतिहास विशेष रूप से मराठा साम्राज्य के समय से जुड़ा हुआ है।
पुरंदर किले का निर्माण प्राचीन काल में किया गया था और इसे बारहवीं शताब्दी में महाराष्ट्र के राजा शाहाजी महाराज ने संशोधित और सुधारा था। यह किला एक प्राकृतिक गढ़वाल विन्यास के साथ बनाया गया है जिसमें बड़े पत्थरों से बनी दीवारें, बावड़ियाँ, महल और भवन शामिल हैं।
पुरंदर किले की ऊपर से विशाल तालाब और चट्टानों के बीच बनी दरबारी इमारतें हैं। यहां से खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है।
पुरंदर किला महाराष्ट्र के एक प्रमुख पर्वतीय पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है और भारतीय इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए यात्रियों को आकर्षित करता है।
10 Torna
तोरणा किला भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक प्राचीन किला है जो सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित है। यह किला महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण इतिहासिक स्थलों में से एक है और मराठा साम्राज्य के समय में भी एक महत्वपूर्ण संघर्ष का केंद्र रहा है।
तोरणा किले का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और इसे मराठा साम्राज्य के महान सरदार छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने शासनकाल में अपने स्वराज्य का एक अहम भाग बनाया।
तोरणा किले की ऊपरी चोटी से शानदार प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है। इस किले के ऊपर से खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य, वातावरण और आकर्षक प्राकृतिक दृश्य देखने का आनंद मिलता है।
तोरणा किला आज भी पर्वतीय पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है और भारतीय इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए यात्रियों को आकर्षित करता है।
11 Vijaydurg

विजयदुर्ग किला, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है जो आरबी समुद्र के किनारे सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित है। यह किला महाराष्ट्र के पश्चिमी तट पर स्थित है और इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। विजयदुर्ग एक प्रसिद्ध समुद्री किला है और यह भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण संग्रहालयों में से एक माना जाता है।
विजयदुर्ग किले का निर्माण शिवाजी महाराज के शासनकाल में किया गया था और यह मराठा साम्राज्य की रक्षा और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण रक्षक स्थल था। इस किले के चारों ओर बांध, दरवाजे, गोलूबंदर, बावड़ी, मंदिर और दरबारी इमारतें हैं।
विजयदुर्ग किले की विशेषता यह है कि इसका एक भाग समुद्र के बीच बना हुआ है, जिससे इसकी सुरक्षा और दुर्ग में पहुंचने का रास्ता बहुत कठिन होता था। इसके आधुनिक समय की अवस्था भी पर्याप्त सुरक्षा सुविधाएँ उपलब्ध करती है।
विजयदुर्ग किले में कुल्लूकारणी जलधारा नामक एक प्राकृतिक जलधारा है जो किले के आस-पास सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाती है। यहां से खूबसूरत समुद्री और पर्वतीय दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है।
विजयदुर्ग किला एक प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटन स्थल है जो इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए यात्रियों को आकर्षित करता है।
12 Panhala
पान्हाळा किला महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण प्राचीन दुर्ग है जो कोल्हापूर जिले में सह्याद्री पर्वत श्रृंगार के ऊपर स्थित है। यह किला महाराष्ट्र के सर्वाधिक बड़े दुर्गों में से एक है और इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
पान्हाळा किले का निर्माण प्राचीन काळ में हुआ था और मराठा साम्राज्य के समय में भी इसे समय-समय पर संशोधन और सुधार का शिकार रहा। यह किला अपने रचनात्मक शैली, विशाल दीवारें और इमारतों के लिए प्रसिद्ध है।
पान्हाळा किले की सबसे खास विशेषता उसके प्राकृतिक सौंदर्यशाली वातावरण है। किले की ऊँचाइयों से पानी भरे तालाब और हरियाली से भरे वन इसे एक आकर्षक स्थान बनाते हैं। यहाँ से सुरम्य दृश्य, सूर्यास्त और सूर्योदय का आनंद लिया जा सकता है।
इस किले के ऊपर से छत्रपति शिवाजी महाराज ने बारावी बहुला आंदोलन के दौरान एक आन्दोलन शिविर स्थापित किया था जो इतिहास में महत्वपूर्ण है।
पान्हाळा किला आज भी पर्वतीय पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय है और इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए यात्रियों को आकर्षित करता है।
13 Daulatabad
दौलताबाद किला, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण दुर्ग है जो औरंगाबाद जिले में स्थित है। यह किला प्राचीन समय में दौलताबाद नामक एक शहर के रूप में स्थापित किया गया था और उसकी महत्ता मुगल साम्राज्य के समय बढ़ गई थी।
दौलताबाद किले का निर्माण प्राचीन काळ में हुआ था और यह चांगुली शिखर पर स्थित वज्रगढ़ी नामक एक गुप्त गुफा के ऊपर बना है। इस किले का निर्माण मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा 17वीं शताब्दी में किया गया था और इसे दौलताबाद के नाम से जाना जाता है।
दौलताबाद किले में विशाल वाटिकाएं, बावड़ी, मस्जिदें, बाजार और दरबारी इमारतें हैं। इसके ऊपर से विभिन्न स्थानों से खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य देखने का मौका मिलता है।
दौलताबाद किला आज भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और विशाल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए खूबसूरत दर्शनीय स्थलों में से एक है।
14 Ajinkyatara
अजिंक्यतारा किला महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक प्राचीन किला है, जो सतारा जिले के शहर सतारा के निकट स्थित है। यह किला सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित है और यह सतारा शहर के ऊपर से उच्चतम स्थान पर स्थित है।
अजिंक्यतारा किला का नाम मराठी शब्द 'अजिंक्य' से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है "अजेय या जीता हुआ"। इसे मराठा साम्राज्य के समय में शिवाजी महाराज ने निर्मित कराया था।
अजिंक्यतारा किले के ऊपर से सुंदर प्राकृतिक दृश्य हैं और किले के चारों ओर समृद्ध धरोहर, मंदिर, विभिन्न बावड़ी, तालाब और किले के दीवारों के रहस्यमय स्थान हैं। इसे पर्वतीय पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है और यह त्रेकिंग प्रेमियों के बीच भी खासा प्रसिद्ध है।
अजिंक्यतारा किले से शहर के नीचे समुद्र के किनारे का सुंदर नजारा देखा जा सकता है, जो यात्रियों को अपनी अलगाववादी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए आकर्षित करता है। इस किले की स्थिति सतारा शहर के बिखरे हुए दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए एक सुंदर मार्ग भी प्रदान करती है।
15 Harishchandragad
हरिश्चंद्रगड किला महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक प्रसिद्ध पर्वतीय दुर्ग है जो सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित है। यह किला महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध और उच्चतम दुर्गों में से एक है और पर्वतारोहण प्रेमी यात्रियों के बीच लोकप्रिय है।
हरिश्चंद्रगड किले का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और इसका इतिहास मराठा साम्राज्य के समय तक पहुंचता है। इस दुर्ग का नाम भगवान हरिश्चंद्र तो कहानी में एक राजा है, जिसे ईश्वर की परीक्षा देने के लिए भेजा गया था।
हरिश्चंद्रगड किले के ऊपर से विशाल बावड़ी, महल, मंदिर, गुम्बज, तालाब, बावड़ी और तरह-तरह के रहस्यमय स्थान हैं। यहां से खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य और सुंदर अवसरी भी देखे जा सकते हैं।
हरिश्चंद्रगड किला एक पर्वतारोहण स्थल के रूप में लोकप्रिय है, और वहां पर्वतारोहण प्रेमी यात्री, तीर्थयात्री और प्रकृति प्रेमियों को खींचता है। यहां से आप सुंदर रूपांतरित सूर्यास्त और सूर्योदय का आनंद ले सकते हैं, जो दृश्य आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देते हैं।
16 Vasai
वसई किला, महाराष्ट्र का एक प्राचीन दुर्ग है जो वसई (विरार) नामक स्थान पर स्थित है। यह किला मुघल वंश के शासक शाहजहाँ के समय में बनवाया गया था और बाद में मराठा साम्राज्य के शासनकाल में भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।
वसई किले का मुख्य उद्देश्य समुद्री व्यापार की सुरक्षा और विदेशी दुर्गों के आक्रमण से रक्षा करना था। इसका निर्माण पत्थरों और बालुके से किया गया था और इसमें कई तालाब, दरबारी इमारतें, बावड़ी और मंदिर शामिल हैं।
वसई किले के ऊपर से आसमानी दर्शनीय नजारे हैं और यहां से समुद्र और आस-पास के क्षेत्र का खूबसूरत दृश्य देखा जा सकता है। इसके इतिहास, शैली, और सांस्कृतिक महत्व के कारण वसई किला आज भी पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय है और यात्रियों को आकर्षित करता है।
17 Karnala
कर्नाला किला, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है जो पुणे जिले में सह्याद्री पर्वत श्रृंगार के पास स्थित है। यह किला कर्नाला वन्यजीव अभयारण्य के पास होने के कारण भी प्रसिद्ध है।
कर्नाला किले की ऊंचाई लगभग 1500 फ़ीट (450 मीटर) है और इसकी सीमा पर्वतीय वन्यजीव अभयारण्य के साथ मिलती है। इस किले का निर्माण हिंदवी साम्राज्य के काल में हुआ था और शिवाजी महाराज के शासनकाल में भी इस पर ध्यान दिया गया।
कर्नाला किले पर कई छोटे-छोटे मंदिर स्थित हैं, जैसे कि भवानी मंदिर, पंचपांडव मंदिर और शंकर मंदिर। इस किले को ब्रिटिश शासनकाल में खुदाई करके उत्खनन किया गया है, लेकिन आज भी इसकी पर्वतारोहण क्रीड़ा कार्यक्रमों के लिए लोकप्रिय है जिससे पर्वतारोहण करने वाले और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं।
18 Vasota
वसोता किला महाराष्ट्र, भारत के सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित एक प्राचीन और खूबसूरत दुर्ग है। यह किला कोहणा नदी के किनारे, तापोवन जंगल में स्थित है और महाराष्ट्र के चंदोरा गांव से लगभग 70 किलोमीटर दूर है।
वसोता किले को चातक्रव्यूह विन्यास बनाने के लिए अत्यंत रणनीतिक ढंग से बनाया गया था ताकि इसे शत्रु सेना से आसानी से सुरक्षित रखा जा सके। किले के ऊपर से आप प्राकृतिक खूबसूरत दृश्यों का आनंद ले सकते हैं, और नदी, जंगल और पर्वतीय दृश्य का आनंद उठा सकते हैं।
वसोता किले के पास अजिंथा, चिंचोरा और शिवसागर झील जैसे सुंदर झीलें हैं, जिन्हें यात्रियों ने अवश्य देखना है। यहां जंगली जीवन के कई जीव-जंतुओं को भी देखा जा सकता है। वसोता जंगल भी प्रसिद्ध है जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवन के लिए जाना जाता है।
वसोता किला एक प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटन स्थल है, जो यात्रियों को खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य, प्राचीन इतिहास और एक साथ जंगली अनुभव का आनंद लेने का मौका देता है।
19 Sajjangad
सज्जनगड किला महाराष्ट्र राज्य, भारत में सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है। यह किला महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित है और सज्जनगड नाम का अर्थ होता है "सातकर्णी"। यह किला मराठा साम्राज्य के समय में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल था।
सज्जनगड किले का निर्माण महाराष्ट्र के सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा किया गया था और यह उनके शिकारियों व शासकीय विश्राम स्थलों में से एक था। इस किले को शिवाजी महाराज ने शासकीय तत्वों के साथ एक साधु की स्थापना के रूप में भी उपयोग किया था।
सज्जनगड किले के ऊपर स्थित श्री राम मंदिर, समाधि स्थल और संत रामदास की मूर्ति के साथ एक धार्मिक स्थल है। संत रामदास महाराज ने शिवाजी महाराज की उपासना की थी और इस किले को उनके अध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण स्थान बनाया था।
आज भी सज्जनगड किला धार्मिक और पर्वतीय पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है और यात्रियों को भारतीय सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है।
20 Prabalgad
बळगड किल्ला महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है जो मुंबई के पास नवी मुंबई क्षेत्र के निकट सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में स्थित है। यह छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा बनवाया गया था और महाराष्ट्र के प्राचीन इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
प्रबळगड किल्ले का निर्माण सिसोदिया राजवंश के राजा उपेंद्र द्वारा किया गया था, जिसके बाद यह छत्रपति शिवाजी महाराज के मराठा साम्राज्य के समय में सुधार का शिकार रहा।
प्रबळगड किल्ले की ऊँचाई काफी अधिक होने के कारण, यहाँ से प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है। इस किल्ले की चढ़ाई आवेशपूर्ण है और जंगलों से घिरी पर्वत चोटियों के बीच यात्रा का मजा लिया जा सकता है।
प्रबळगड किल्ले में विभिन्न इमारतें, दरबारी इमारतें, बावड़ी, मंदिर और बर्फ की गुफा जैसे रहस्यमय स्थान हैं। यह आज भी पर्वतीय पर्यटन का एक प्रमुख स्थल है और इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए यात्रियों को आकर्षित करता है।
21 Alang
आलंग किला, महाराष्ट्र में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है जो सह्याद्री पर्वत श्रृंगार में विक्रमगड तहसील के निकट स्थित है। यह किला भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है और इसका निर्माण प्राचीन काल में हुआ था।
आलंग किले का नाम एक नदी के नाम पर रखा गया है जो इसके निकट से बहती है। इसे मराठा साम्राज्य के समय में भी समय-समय पर संशोधित और सुधारा गया। यह दुर्ग कई इतिहासिक कवयित्रियों ने अपने रचनात्मक साहित्य में भी स्वर्णिम वर्णन किया है।
आलंग किले का निर्माण शिवाजी महाराज ने करवाया था और यह उनके कार्यकाल में समार्थ्यवान रक्षा ढाँचा बनाने के लिए बनाया गया था। इसकी सजग संरचना, प्राकृतिक सौंदर्य और अभूतपूर्व वातावरण यात्रियों को आकर्षित करते हैं।
आलंग किले के ऊपर से प्राकृतिक तालाब, महल, रस्सी और विभिन्न दरबारी इमारतें हैं। इसके चारों ओर से बहुत सी प्राकृतिक चट्टानें हैं जिन्हें देखकर यात्रियों को अनूठे अनुभव का सौभाग्य मिलता है।
आलंग किला आज भी एक प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटन स्थल है जो इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और विशाल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए खूबसूरत दर्शनीय स्थलों में से एक है।
22 Yashwant Gad

महाराष्ट्र का यशवंतगड किला भारतीय राज्य महाराष्ट्र में स्थित है और उसका नाम एक महान भारतीय राजनीतिज्ञ यशवंतराव चव्हाण (Yashwantrao Chavan) के नाम पर रखा गया है। यह किला पुणे जिले के सतारा जिले में स्थित है। यशवंतगड किला इतिहास, भूगोल और सांस्कृतिक महत्व के कारण लोगों के बीच प्रसिद्ध है।
यशवंतगड किले का निर्माण मराठा साम्राज्य के शासक शिवाजी महाराज ने 17वीं शताब्दी में कराया था। इसे नालदुर्ग (Naldurg) किले के रूप में भी जाना जाता है। किले का निर्माण पथरीली शैली में किया गया है जिससे यह किला काफी मजबूत है और वायुयान और शत्रुओं से सुरक्षित था।
यशवंतगड किले का स्थान बुलढाणा और परभणी जिलों के समीप स्थित है और इसे भारतीय राष्ट्रीय संघर्ष स्थलों की एक श्रृंगारी माना जाता है। इसके आस-पास कई सांस्कृतिक और पर्वाहनी धरोहरें भी हैं जो इस क्षेत्र को एक आकर्षक दर्शनीय स्थल बनाते हैं।
यशवंतगड किले में कई प्रमुख स्थान हैं जो इसके इतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं। इसमें राजमहल, गंधार्व महल, दुर्गादेवी मंदिर, अम्बाबाई मंदिर, विशाल बांधरा और पाण्याची भावना शामिल हैं। यहां से आप बुलढाणा जिले की सुंदर झील और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद भी ले सकते हैं।
यशवंतगड किले महाराष्ट्र के इतिहास, संस्कृति और विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यहां के दर्शनीय स्थलों की सुंदरता को देखने के लिए लोग आते हैं। यशवंतगड किले के चारों ओर की खूबसूरत प्राकृतिक वातावरण भी इसे एक पसंदीदा टूरिस्ट स्थल बनाता है।
23 Ratangad
रतनगढ़ किला, महाराष्ट्र, भारत के शाहाद्री पर्वत श्रृंग के मध्य स्थित है। यह ऐतिहासिक भवन भारतीय राज्य महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है। रतनगढ़ किले का नाम रतनागिरी की उच्चतम चोटी पर स्थित इसके उद्गम स्थान से लिया गया है। इसे गडांचा पहाड़ी भी कहा जाता है।
यह किला प्राचीन काळीन इतिहास से भरा हुआ है और मराठा साम्राज्य के काल में अहमदनगर की एक महत्वपूर्ण रक्षा स्थली थी। इसका निर्माण बहुत पुराने समय में किया गया था और वर्तमान संरचना में यह 17वीं शताब्दी के लगभग है।
रतनगढ़ किले को बसंत पंचमी के दिन महाराष्ट्र के लोग ध्यान देकर जाते हैं। इस दिन पूजा-अर्चना होती है और किले के चारों ओर उत्सव माहौल बनता है। रतनगढ़ किले की चढ़ाई थोड़ी कठिन होती है, लेकिन पहुंचने के बाद यहां से मिलने वाले प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाने वाले यात्री वहां के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं।
किले की चौड़ाई और लम्बाई लगभग 425 मीटर है और इसे विभिन्न इमारतें और दीवारों द्वारा समृद्ध किया गया है। इसके अंदर एक छोटे तालाब का भी निर्माण किया गया है जिससे पानी की आपूर्ति होती थी।
रतनगढ़ किला महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए आकर्षक है। इसके ऊपर से आप पर्वतीय प्रस्तरों और प्राकृतिक विशेषताओं का आनंद ले सकते हैं और नीचे खींचे जाने वाले रास्ते पर वन्यजीवन का आनंद ले सकते है।
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कामालगड़ किला (Kamalgad Fort) महाराष्ट्र के सातारा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध किला है। यह विख्यात शिवाजी महाराज के समय के किलों में से एक था और इसका इतिहास बहुत पुराना है। यह किला सह्याद्री पर्वत श्रृंगार के शीतल प्रदेश में स्थित है और इसकी सुंदर प्राकृतिक सौंदर्यता और विशाल इतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों का आकर्षण बना हुआ है।
कामालगड़ किले का नाम कामाळ दुर्ग भी है जिसका अर्थ होता है 'कमल की चाबीवाला किला'। यह किला मुख्य रूप से माराठा साम्राज्य के काल में बना था और यह राजसी युद्धों और संघर्षों की गवाही देने के लिए जाना जाता है। इसका निर्माण चांद्रवर्मा बनारसी, महाराष्ट्र के माराठा राजा शिवाजी के विश्वासी सैनिकों ने करवाया था।
कामालगड़ किला एक खंडहर शैली का है, जिसका मतलब यह है कि यह किला पत्थरों के बिल्कुल समान टुकड़ों और चट्टानों से बना है। इसके भीतर कई छोटे मंदिर, कुएं और विभिन्न भवन संरचनाएं हैं। किले के चारों ओर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए कई पहाड़ी झीलें भी हैं।
कामालगड़ किला प्राचीन समय के इतिहास, स्थानीय राजकुमारों के साथ हुए संघर्षों और शिवाजी महाराज द्वारा इसके पुनरुद्धार के सबूतों के साथ एक दर्शनीय स्थल है। आपको इस किले की चारों ओर की प्राकृतिक सुंदरता, शीतल वातावरण और इतिहास से भरी महसूस होगी।
कामालगड़ किले को प्राकृतिक आकर्षण और इतिहास के शौकीनों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है जो प्राकृतिक सौंदर्यता और ऐतिहासिक महत्व के साथ यात्रा करना चाहते हैं।
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Excellent
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